Defence sector की कंपनी Droneacharya Aerial Innovations Ltd ने हाल ही में थाइलैंड की प्रमुख डिफेंस और एयरोस्पेस कंपनी RV Connex के साथ समझौता किया है। इस साझेदारी में उनकी सहयोगी कंपनी Drone Entry (Thailand) Co. Ltd. भी शामिल है। इसका मुख्य उद्देश्य भारत में पूरी तरह से नॉन-चाइनीज ड्रोन बनाना और स्वदेशी टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देना है। यह पहल ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के विजन को मजबूती देने के लिए की गई है, जिससे देश में विदेशी निर्भरता कम हो सके और ड्रोन निर्माण की प्रक्रिया तेज हो सके
ग्लोबल मार्केट में विस्तार
यह साझेदारी केवल भारत में ही नहीं, बल्कि एशिया, यूरोप और मिडल ईस्ट के बाजारों तक नॉन-चाइनीज ड्रोन टेक्नोलॉजी को पहुंचाने के लिए की गई है। RV Connex अपने एडवांस्ड UAV और एंटी-ड्रोन सिस्टम्स की तकनीक भारत में उपलब्ध कराएगी, जिससे स्थानीय निर्माण को बढ़ावा मिलेगा और सुरक्षा मानकों में सुधार होगा।
ड्रोनआचार्य एरियल इनोवेशन लिमिटेड पुणे आधारित कंपनी है, जिसकी स्थापना 2017 में हुई थी। यह DGCA-सर्टिफाइड ड्रोन सॉल्यूशन प्रोवाइडर है जो ड्रोन पायलट ट्रेनिंग, ड्रोन बिक्री, रखरखाव, ऑयल एंड गैस, जीआईएस डेटा प्रोसेसिंग जैसी सेवाएं देती है। साथ ही कंपनी ड्रोन शो, एंटी-ड्रोन सॉल्यूशन और पर्यावरण निगरानी के क्षेत्र में भी कार्यरत है।
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Droneacharya Aerial की हालिया वित्तीय स्थिति
वित्त वर्ष 2024-25 में ड्रोनआचार्य एरियल इनोवेशन की कुल नेट सेल्स ₹47.8 करोड़ रही और नेट प्रॉफिट ₹5.57 करोड़ रहा। कंपनी का मार्केट कैप ₹150–158 करोड़ के आसपास है। कंपनी पिछले तीन सालों में 1400% से अधिक रेवेन्यू ग्रोथ दर्ज कर चुकी है
ड्रोनआचार्य का शेयर फिलहाल ₹64.35 के आस-पास ट्रेड कर रहा है, जो अपने 52-सप्ताह के न्यूनतम स्तर से करीब 10% ऊपर है। कंपनी की ग्रोथ और नई डील्स को देखते हुए निवेशकों की रुचि इसपर बढ़ रही है।
भारतीय ड्रोन मार्केट का वर्तमान हाल
भारतीय ड्रोन सेक्टर ने पिछले कुछ वर्षों में सरकार के प्रोत्साहन, आयात प्रतिबंध और PLI स्कीम जैसी योजनाओं के चलते तेजी से विकास किया है। 2024 में भारतीय ड्रोन बाजार का आकार लगभग $1.58 बिलियन रहा, और 2030 तक यह बढ़कर $4.83 बिलियन हो सकता है। सरकार द्वारा चाइनीज ड्रोन कम्पोनेंट्स पर प्रतिबंध लगाने और स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने से घरेलू कंपनियों को प्रतिस्पर्धा में फायदा मिला है
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रक्षा क्षेत्र में इंपैक्ट
इस साझेदारी से भारतीय सेना और अन्य रक्षा संस्थाओं को पूरी तरह भारतीय तकनीक पर आधारित ड्रोन मिलेंगे, जिससे सुरक्षा चिंताओं को दूर किया जा सकेगा। सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ नीति और आयात प्रतिबंध के चलते अब भारतीय कंपनियां ग्लोबली प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार हो रही हैं। DRDO, ideaForge, Garuda Aerospace, DroneAcharya जैसी कंपनियां इस सेक्टर में तेजी से आगे बढ़ रही हैं
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