हाल ही में मिनिरत्न PSU (HCL) ने झारखंड के केंदडीह तांबा खदान के लिए डिस्ट्रिक्ट कमिशनर, जमशेदपुर के साथ 20 साल का लीज डीड साइन किया है। यह डील 4 अक्टूबर 2025 को पूरी हुई, जिससे कंपनी को अपनी खनन क्षमता और तांबा प्रोडक्शन बढ़ाने का बड़ा मौका मिलेगा। केंदडीह खदान देश के लिए रणनीतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है और इसके दोबारा शुरू होने से उत्पादन में तेजी आने की उम्मीद है
प्रोडक्शन बढ़ाने की सरकार की नई रणनीति
Hindustan Copper Ltd ने 2026 की चौथी तिमाही तक केंदडीह खदान को फिर से चालू करने का प्लान बनाया है। हाल ही में कंपनी ने राखा खदान के लिए भी 20 साल का लीज एक्सटेंड किया है। दोनों खदानों से कंपनी अपनी सालाना खनन कैपिसिटी को मौजूदा 4 मिलियन टन प्रति वर्ष (MTPA) से बढ़ाकर 2030-31 तक 12.2 MTPA तक ले जाने का लक्ष्य लेकर चल रही है। इसके लिए कंपनी ने विश्व की सबसे बड़ी कॉपर माइनिंग कंपनी Codelco (Chile) से टेक्निकल कोलैबोरेशन भी किया है। इससे न केवल नई टेक्नोलॉजी बल्कि सस्टेनेबल माइनिंग प्रैक्टिस भी भारत में आएंगी जो ताम्बा उत्पादन में क्रांतिकारी बदलाव लाएँगी
उद्योग में बढ़ती मांग और कंपनी का विस्तार
भारत में इलेक्ट्रिक वाहन, रिन्यूएबल एनर्जी और इंफ्रास्ट्रक्चर की बढ़ती मांग के कारण कॉपर की जरूरतें लगातार बढ़ रही हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, साल 2040 तक देश में तांबे की मांग 3.5 मिलियन टन से अधिक हो सकती है। देश की इकलौती कॉपर माइनिंग कंपनी होने के नाते HCL की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो गई है। Malanjkhand कॉपर प्रोजेक्ट, जो कंपनी की कुल उत्पादन का 80% देता है, को 2030 तक 5 MTPA तक बढ़ाया जाएगा। साल 2024-25 में Malanjkhand प्रोजेक्ट ने 2.73 मिलियन टन उत्पादन किया
वित्तीय प्रदर्शन
हिंदुस्तान कॉपर ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में 516.37 करोड़ रुपए का राजस्व और 179.36 करोड़ रुपए का कर पूर्व लाभ दर्ज किया है। 2024-25 में कंपनी का रिकॉर्ड रेवेन्यू 2071 करोड़ रुपए रहा। शेयर बाजार में कंपनी का प्रदर्शन जबरदस्त रहा है—इस साल अब तक 36.5% की बढ़त मिली है, छह महीने में करीब 65% का रिटर्न मिला है। 4 अक्टूबर 2025 को शेयर BSE पर 338.1 रुपए और NSE पर 337.65 रुपए पर बंद हुआ, जिसका 52 वीक हाई 351.25 रुपए रहा है। कंपनी का मार्केट कैप इस वक्त लगभग 32,680 करोड़ रुपए है
केंदडीह व राखा खदान का तांबा भंडार
केंदडीह में 116.97 मिलियन टन और राखा में 229.26 मिलियन टन तांबा अयस्क का भंडार मौजूद है। केंदडीह का लीज एरिया 1139.6 हेक्टेयर है और राखा खदान 785.091 हेक्टेयर में फैली हुई है। सरकार की मंशा है कि दोनों खदानें चालू होकर देश को हर साल लाखों टन तांबा देने लगें जिससे आयात पर निर्भरता कम हो सके
हिंदुस्तान कॉपर के भविष्य के लिए लीज क्यों जरूरी?
इन खदानों के नए लीज से कंपनी को बंद पड़ी खदानों को दोबारा शुरू करने का अवसर मिलेगा, जिससे उत्पादन का विस्तार और राजस्व में वृद्धि होगी। साथ ही नई टेक्नोलॉजी और अंतरराष्ट्रीय सहयोग से प्रोडक्शन की लागत भी कम की जा सकेगी, जिससे शेयरहोल्डर्स को भी फायदा मिलेगा.
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