हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) भारत सरकार की सबसे बड़ी एयरोस्पेस कंपनी है, जो भारतीय सेना, वायु सेना और नौसेना के लिए जहाज, हेलिकॉप्टर और युद्धक विमान बनाती है। हाल में कंपनी की स्थिति थोड़ी चुनौतीपूर्ण हो गई है, क्योंकि उस पर भारी मात्रा में ऑर्डर पेंडिंग हैं। कंपनी की ऑर्डर बुक इस वक्त 2.7 लाख करोड़ रुपये के पार पहुँच गई है, जो उसकी सालाना कमाई से लगभग 8 गुना ज्यादा है।
ऑर्डर बुक
HAL के पास पिछले कुछ वर्षों में कई बड़े प्रोजेक्ट्स आए, जिनमें प्रमुख है– तेजस मार्क-1ए फाइटर जेट, अटैक हेलीकॉप्टर, कॉम्बैट हेलीकॉप्टर और इंजिन सिस्टम। भारतीय वायुसेना ने हाल ही में कंपनी को 97 तेजस एमके-1ए एयरक्राफ्ट की डील 62,370 करोड़ रुपये में दी है, जबकि इसी फाइटर का 2021 में भी बड़ा ऑर्डर आया था। लेकिन लेकिन, समय पर डिलीवरी नहीं होने से वायुसेना लगातार चिंता जता रही है। तेजस जेट की सप्लाई में भी काफी देरी हो चुकी है, हालांकि अब GE-F404 इंजन की सप्लाई स्टेबल हो गई है, जिससे उम्मीद है कि तेजस के डिलीवरी में थोड़ी तेजी आएगी।
कंपनी के पुनर्गठन
सरकार और रक्षा मंत्रालय के स्तर पर अब HAL के ढांचे को पूरी तरह बदलने की तैयारी चल रही है। चर्चा है कि कंपनी को तीन हिस्सों में बांटने का प्रस्ताव है– पहला: फिक्स्ड विंग एयरक्राफ्ट (फाइटर जेट्स वगैरह), दूसरा: हेलिकॉप्टर निर्माण, तथा तीसरा: मरम्मत और मेंटेनेंस (MRO) यूनिट। इसके पीछे का मकसद यह है कि हर यूनिट अपनी डिलिवरी समय पर कर सके और आधुनिक प्रोजेक्ट्स, खास तौर पर डिफेन्स के, जैसे AMCA (उन्नत मल्टीरोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट), में कंपनी भागीदारी बढ़ा सके। पिछली बार यह प्लान ऑर्डर कम होने की वजह से लागू नहीं हो सका था।
शेयर बाजार में HAL का प्रदर्शन
HAL का शेयर बीते सप्ताह 4870 रुपये के स्तर तक पहुंचा, जबकि सालभर का लो 3046 रुपये और हाई 5165 रुपये रहा। कंपनी का बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) करीब 3.25 लाख करोड़ रुपये है। निवेशकों को कंपनी में भरोसा है, पर लेट डिलीवरी और भारी बैकलॉग के कारण थोड़ी चिंता भी बनी हुई है। हाल के नतीजों में Q1 FY26 में कंपनी की आय में निरंतर ग्रोथ दिखी है, और आगे के लिए 1.89 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के ऑर्डर मिलने की पुष्टि भी हुई है।
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आगे की संभावना
HAL के पुनर्गठन की प्रक्रिया सरकार की प्राथमिकता है, क्योंकि आने वाले समय में डिफेन्स सेक्टर में तेज ग्रोथ की संभावना है। अगर यह तीन हिस्सों में बट जाता है तो प्रोडक्शन और डिलीवरी दोनों में तेजी आ सकती है और आधुनिक परियोजनाओं पर भी अच्छा फोकस मिल सकता है।
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