Defense stock: हाल ही में केंद्र सरकार ने रक्षा मंत्रालय के Revenue Procurement Manual में बहुत बड़ा बदलाव किया है। अब प्राइवेट कंपनियों को गोला-बारूद बनाने के लिए मुनिशन्स इंडिया लिमिटेड से NOC यानी नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं रह गई है। इससे Premier Explosives जैसी कंपनियों को अब अपना प्रोडक्शन और एक्सपोर्ट तेज़ी से बढ़ाने का मौका मिलेगा। यह बदलाव सितंबर 2025 में लागू हुआ है और इसका सीधा फायदा निजी कंपनियों को मिलेगा।
Premier Explosives का शेयर 5 साल में तगड़ा रिटर्न
Premier Explosives Limited का शेयर बीते 5 साल में लगभग 2,700% से ज्यादा रिटर्न दे चुका है। अक्टूबर 2020 में लगभग ₹23 के आसपास था, जो अक्टूबर 2025 में ₹643 तक पहुंच गया है। सिर्फ इस साल की बात करें तो शेयर ने 33% का रिटर्न दिया। पिछले 6 महीने में शेयर में करीब 90% का उछाल देखने को मिला है। कंपनी का मार्केट कैप ₹3455 करोड़ है और 52 हफ्ते का हाई ₹668 रहा है।
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कंपनी के ताजा वित्तीय नतीजे
Premier Explosives ने ताजा वित्तीय तिमाही (Q2 FY2025) में ₹142.14 करोड़ की रेवेन्यू दर्ज की, जो साल दर साल 71.56% ज्यादा है। ऑपरेटिंग प्रॉफिट ₹16.6 करोड़ रहा, हालांकि प्रॉफिट मार्जिन में कुछ दबाव रहा क्योंकि सप्लाई चेन में देरी और कुछ इंपोर्टेड कंपोनेंट्स पर निर्भरता रही। नेट प्रॉफिट ₹15.7 करोड़ रहा, जो पिछले साल के मुकाबले काफी बेहतर है। कंपनी का EPS 6.83 रुपये रहा और EBITDA मार्जिन करीब 15% है।
कंपनी के बिज़नेस
Premier Explosives सिर्फ रक्षा क्षेत्र ही नहीं बल्कि खनन, इसरो (ISRO), DRDO के प्रोजेक्ट में भी इंडस्ट्रियल विस्फोटक और डेटोनेटर बनाती है। तेलंगाना, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश में सात फैक्ट्रियां चल रही हैं। कंपनी के पास अभी ₹827 करोड़ का ऑर्डर बुक है जिसमें ₹727 करोड़ सिर्फ डिफेंस सेक्टर से जुड़े प्रोजेक्ट्स हैं। Premier Explosives भारत की इकलौती कंपनी है जो पूरी तरह से रॉकेट मोटर्स और काउंटरमेजर्स का प्रोडक्शन करती है और अब एक्सपोर्ट भी शुरू कर चुकी है।
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NOC हटने के बाद क्या बदलाव आया?
सरकारी फैसले के बाद अब प्राइवेट कंपनियां 105 mm, 130 mm, 150 mm आर्टिलरी शेल्स, Pinaka Multi Barrel Rocket, 1000 पाउंड बॉम्ब, हैंड ग्रेनेड, मोर्टार बम आदि आसानी से बना सकती हैं। इससे उनकी क्षमता, उत्पादन और अंतरराष्ट्रीय बाजार में पकड़ मजबूत होगी। भारत ने पिछले वर्ष डिफेंस सेक्टर में ₹ 23,622 करोड़ का एक्सपोर्ट किया है, जिसमें अब निजी कंपनियों की हिस्सेदारी बढ़ेगी।
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