Defence Stock : देश की डिफेंस इंडस्ट्री से जुड़ी कंपनी अपोलो माइक्रो सिस्टम्स लिमिटेड (Apollo Micro Systems Ltd) ने पिछले कुछ वर्षों में निवेशकों को चौंकाने वाला रिटर्न दिया है। कंपनी के शेयर हाल ही में 5 प्रतिशत के अपर सर्किट तक पहुंचे और 307.95 रुपये के उच्च स्तर को छूने के बाद 293.75 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुए। फिलहाल कंपनी का मार्केट कैप करीब 9,797 करोड़ रुपये है।
5 साल में 1 लाख बना ₹25.75 लाख Defence Stock
पिछले पांच सालों में इस स्टॉक ने 2,475.88 प्रतिशत का शानदार रिटर्न दिया है। अगर किसी निवेशक ने पांच साल पहले अपोलो माइक्रो सिस्टम्स के शेयरों में 1 लाख रुपये लगाए होते, तो आज उसकी कीमत लगभग 25.75 लाख रुपये होती। इस तरह कंपनी ने कम समय में निवेशकों के धन को कई गुना बढ़ा दिया है।
कंपनी की शुरुआत और काम
अपोलो माइक्रो सिस्टम्स लिमिटेड की स्थापना वर्ष 1985 में हुई थी। इसका मुख्यालय हैदराबाद में स्थित है। कंपनी रक्षा, एयरोस्पेस और होमलैंड सिक्योरिटी क्षेत्र में काम करती है। यह उच्च प्रदर्शन वाले इलेक्ट्रॉनिक और इलेक्ट्रो-मैकेनिकल समाधान डिजाइन और विकसित करती है।
कंपनी की सेवाएं रिसर्च एंड डेवलपमेंट, डिजाइन, असेम्बली, टेस्टिंग और बड़े पैमाने पर उत्पादन तक फैली हुई हैं। अब तक अपोलो माइक्रो सिस्टम्स ने 700 से अधिक उन्नत टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म तैयार किए हैं, जो मिसाइल, ग्राउंड और नेवल डिफेंस सिस्टम्स में अहम भूमिका निभाते हैं।
कंपनी के प्रमुख ग्राहक
अपोलो माइक्रो सिस्टम्स के क्लाइंट्स में भारत सरकार और रक्षा क्षेत्र की प्रमुख कंपनियां शामिल हैं। इनमें DRDO, भारत डायनेमिक्स, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, ब्रह्मोस, टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स, अडानी डिफेंस और इंडियन ऑयल जैसी संस्थाएं शामिल हैं।
कंपनी DRDO की मिसाइल परियोजनाओं के लिए लगभग 63 प्रतिशत इलेक्ट्रॉनिक और इलेक्ट्रो-मैकेनिकल सिस्टम्स की आपूर्ति करती है।
वित्तीय प्रदर्शन
वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में अपोलो माइक्रो सिस्टम्स का राजस्व 91 करोड़ रुपये से बढ़कर 134 करोड़ रुपये हो गया। इस दौरान नेट प्रॉफिट 9 करोड़ रुपये से बढ़कर 19 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। पिछले पांच वर्षों में कंपनी का प्रॉफिट कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट 32.7 प्रतिशत और औसत बिक्री वृद्धि 19.8 प्रतिशत रही है।
कंपनी का रिटर्न ऑन कैपिटल एम्प्लॉयड (ROCE) 14.5 प्रतिशत और डेब्ट-टू-इक्विटी रेश्यो 0.49 रहा है। यह संकेत देता है कि कंपनी अपने ऋण को संभालते हुए लाभदायक तरीके से कारोबार कर रही है।
भविष्य की योजनाएं और ऑर्डर बुक
कंपनी ने बताया है कि अगले छह महीनों में उसे 2 लाख करोड़ रुपये के संभावित रक्षा ऑर्डर्स मिलने की उम्मीद है। मैनेजमेंट के अनुसार, वित्त वर्ष 2026 और 2027 में कंपनी की आय में 45 से 50 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि हो सकती है।
कंपनी रक्षा मंत्रालय और विभिन्न सरकारी संस्थानों के साथ मिलकर नई तकनीक विकसित कर रही है, जिससे भारत की डिफेंस क्षमता को और मजबूती मिलेगी।
स्टॉक में तेजी का कारण
अपोलो माइक्रो सिस्टम्स के शेयर में तेजी का मुख्य कारण रक्षा क्षेत्र में लगातार बढ़ती मांग और सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ नीति है। कंपनी के पास मजबूत ऑर्डर बुक, स्थिर लाभ और तकनीकी बढ़त है, जिससे निवेशकों का भरोसा बना हुआ है।
विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में कंपनी का प्रदर्शन और बेहतर हो सकता है, क्योंकि भारत में डिफेंस इंडस्ट्री में निवेश लगातार बढ़ रहा है।
निष्कर्ष
अपोलो माइक्रो सिस्टम्स लिमिटेड उन चुनिंदा डिफेंस कंपनियों में शामिल है जिसने निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है। DRDO और ब्रह्मोस जैसी परियोजनाओं के साथ जुड़ी यह कंपनी न केवल भारत के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि निवेशकों के लिए भी लंबे समय में एक मजबूत विकल्प बनकर उभरी है।
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