Vodafone Idea Share पर आई ने की चौंकने वाली खबर ! सरकार की बड़ी तैयारी…

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सरकार अब Vodafone Idea के पुराने बकाया (AGR सहित) विवाद को हमेशा के लिए समाप्त करने की तैयारी कर रही है। रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार “वन टाइम सेटलमेंट” (एकमुश्त समाधान) मॉडल पर विचार कर रही है। इस प्रस्ताव में कंपनी पर लगे ब्याज और पेनल्टी को पूरी तरह माफ़ करने की बात कही जा रही है। इसके अलावा, मुख्य रकम यानी प्रिंसिपल अमाउंट पर भी छूट या आंशिक माफी की संभावना है। इसका सीधा फायदा कंपनी को अपने वित्तीय संकट से बाहर निकलने और नए निवेशकों को आकर्षित करने में मिलेगा

सरकार के इस फैसले का क्या कारण है?

वोडाफोन आइडिया भारत की तीसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी है, लेकिन 2016 के बाद से कंपनी कभी भी तिमाही मुनाफा नहीं दिखा पाई है। लगातार आर्थिक दबाव, AGR की बढ़ती देनदारियां और उच्च ब्याज-पेनल्टी की वजह से कंपनी कई बार बर्बादी के कगार पर पहुंच गई थी। टेलीकॉम सेक्टर में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा बनाए रखने के लिए सरकार ने पहले भी अप्रैल 2025 में अपनी हिस्सेदारी को 22% से बढ़ाकर लगभग 49% तक कर दिया था। अब अगर ब्याज-पेनल्टी माफ होती है तो कंपनी को उबरने में बड़ी मदद मिल सकती है।

भारत-यूके संबंधों के लिए क्यों अहम है यह समझौता?

यह समाधान मात्र कॉर्पोरेट राहत नहीं है, बल्कि इसके पीछे भारत-यूके कूटनीतिक संबंधों को बढ़ावा देने की योजना भी बताई जा रही है। वोडाफोन ग्रुप UK की कंपनी है, और आने वाले दिनों में जब भारत व ब्रिटेन के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) की वार्ता और तेज़ होगी, तब इस सेटलमेंट से दो देशों के आर्थिक और व्यापारिक संबंधों में मजबूती आ सकती है। साथ ही, ब्रिटिश प्रधानमंत्री के भारत दौरे से पहले यह डील भारत के कूटनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाती है

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सुप्रीम कोर्ट में क्या चल रहा है?

सरकार और वोडाफोन आइडिया के बीच समाधान के प्रयास जारी हैं, लेकिन साथ में मामला सुप्रीम कोर्ट में भी लंबित है। सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया गया है कि वे समाधान की दिशा में काम कर रहे हैं और जल्द ही बड़ा फैसला लिया जा सकता है। कोर्ट की अगली सुनवाई 13 अक्टूबर 2025 को होनी है, जिसमें AGR बकाया से जुड़ी कंपनी की याचिका पर विचार किया जाएगा। कंपनी चाहती है कि 2016-17 के बाद के डुप्लिकेट डिमांड को पूरी तरह रद्द किया जाए।

शेयर बाजार और निवेशकों पर असर

इस खबर के आने के तुरंत बाद वोडाफोन आइडिया के शेयरों में अच्छी रिकवरी देखी गई। 6 अक्टूबर को शेयर 8.82 रुपये के भाव के मुकाबले, बाजार खुलते ही 8.95 रुपये पर गया। हालांकि बाद में शेयर में गिरावट भी आई, लेकिन सेटलमेंट की खबर के कारण निवेशकों का भरोसा फिर से बढ़ा है। अगर प्रस्ताव लागू होता है तो कंपनी की बैलेंसशीट मजबूत हो सकती है और शेयर की कीमतों पर भी सकारात्मक प्रभाव दिख सकता है।

कंपनी पर सरकार की हिस्सेदारी – लेटेस्ट डेटा

अप्रैल 2025 में बकाया को इक्विटी में बदलकर, सरकार ने अपनी हिस्सेदारी 22% से बढ़ाकर 48.99% कर ली थी। इसके बाद सरकार अब वोडाफोन आइडिया में सबसे बड़ी शेयरधारक बन गई है, हालांकि प्रमोटर की श्रेणी में नहीं आती। टेलीकॉम मंत्री ने साफ कहा है कि सरकार इस हिस्सेदारी को 49% से आगे नहीं बढ़ाएगी, ताकि वोडाफोन आइडिया सार्वजनिक उपक्रम न बन जाए।

टेलीकॉम सेक्टर पर संभावित असर

इस फैसले से टेलीकॉम सेक्टर में स्थिरता आ सकती है, निवेशकों का भरोसा लौट सकता है और भविष्य में नए निवेश की संभावना बन सकती है। साथ ही, बाजार में प्रतिस्पर्धा बनी रहेगी, जिससे ग्राहकों को भी बेहतर सेवाएं मिल सकेगी

यह पूरा मामला अभी अंतिम निर्णय की प्रतीक्षा में है, लेकिन सरकार का यह कदम वोडाफोन आइडिया के लिए एक नई उम्मीद और बार-बार डगमगाते शेयर बाजार में स्थिरता लाने का सबूत है।

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