TATA Motors ने अक्टूबर 2025 में अपना डीमर्जर पूरा कर लिया है, जिसमें कंपनी को पैसेंजर व्हीकल और कमर्शियल व्हीकल दो अलग इकाइयों में बांट दिया गया है। रिकॉर्ड डेट 14 अक्टूबर 2025 को तय हुई, जिसके बाद शेयर की कीमत में 40 प्रतिशत की गिरावट आई और यह लगभग 390 रुपये के आसपास ट्रेड कर रहा है। डीमर्जर के बाद पैसेंजर व्हीकल इकाई का नाम टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स हो गया है, जबकि कमर्शियल व्हीकल्स अलग लिस्ट होगी।
पिछले पांच सालों का रिटर्न
पिछले पांच सालों में टाटा मोटर्स शेयर ने 500 प्रतिशत का रिटर्न दिया है, जो निवेशकों के लिए मजबूत प्रदर्शन दिखाता है। 2020 से 2025 तक कंपनी की कीमत में तेजी आई, खासकर इलेक्ट्रिक व्हीकल सेक्टर में बढ़त के कारण। हालांकि, हाल की गिरावट से शेयर अब अपने चरम स्तर से 30 प्रतिशत नीचे है, जो 1179 रुपये था।
TATA Motors Q2 FY26 के नतीजे
जुलाई से सितंबर 2025 के क्वार्टर में टाटा मोटर्स ग्रुप का नेट लॉस 944.61 करोड़ रुपये रहा, जबकि रेवेन्यू 30 प्रतिशत बढ़कर 1,01,450 करोड़ रुपये हो गया। पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट में रेवेन्यू 3.5 प्रतिशत घटा, लेकिन ईबीटीडीए मार्जिन 11.4 प्रतिशत रहा। कमर्शियल व्हीकल सेल्स 12 प्रतिशत बढ़ीं, कुल 94,681 यूनिट्स बिकीं।
EV मार्केट में स्थिति
भारत के पैसेंजर ईवी मार्केट में टाटा मोटर्स की हिस्सेदारी 2024 के पहले छमाही में 67 प्रतिशत से घटकर 2025 में 38 प्रतिशत हो गई है। कंपनी ने 28,439 ईवी यूनिट्स बेचीं, जबकि कुल मार्केट 50 प्रतिशत बढ़ा। प्रतिस्पर्धा बढ़ने से मार्केट शेयर गिरा, लेकिन नए मॉडल्स से सुधार की उम्मीद है।
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भविष्य के प्लान्स
टाटा मोटर्स 16,000 करोड़ रुपये ईवी पर निवेश कर रही है, ताकि 50 प्रतिशत मार्केट शेयर दोबारा हासिल किया जा सके। हरियर.ईवी और सिएरा.ईवी जैसे नए मॉडल लॉन्च होंगे, जो रेंज 60 प्रतिशत बढ़ाएंगे। कंपनी 2030 तक 18-20 प्रतिशत कुल मार्केट शेयर और 30 प्रतिशत ईवी पेनेट्रेशन का लक्ष्य रखती है
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एनालिस्ट टारगेट प्राइस
डीमर्जर के बाद नोमुरा ने पैसेंजर व्हीकल के लिए 367 रुपये और कमर्शियल व्हीकल के लिए 365 रुपये का टारगेट प्राइस रखा है। पुराने अनुमानों में 2025 के अंत तक 1,110 से 1,255 रुपये की भविष्यवाणी थी, लेकिन डीमर्जर से मूल्यांकन बदला। ईवी मार्केट 2032 तक 117 बिलियन डॉलर का हो सकता है
चुनौतियां और जोखिम
कंपनी को साइबर अटैक और चिप सप्लाई की समस्या का सामना करना पड़ रहा है, जो जेएलआर सेगमेंट को प्रभावित कर रही है। ईवी सेगमेंट में एमजी मोटर और महिंद्रा की बढ़ती हिस्सेदारी चुनौती है। डोमेस्टिक डिमांड में कमजोरी और ग्लोबल अनिश्चितताएं भी असर डाल रही हैं
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