Adani Group की कम्पनी Adani Green Energy, भारतीय बाजार में तेजी से उभरती एक प्रमुख रिन्यूएबल एनर्जी कंपनी है। हाल ही में कंपनी का शेयर, शुक्रवार को 9% से ज्यादा उछलकर दिन में ₹1,071 के हाई पर पहुंचा और मार्केट क्लोजिंग पर ₹1,032 के आस-पास बंद हुआ। इस तेजी के पीछे मुख्य वजह सेबी द्वारा अडानी ग्रुप को बड़ी राहत के रूप में क्लीन चिट मिलना रही। सेबी ने यह साफ कर दिया कि हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए आरोपों पर कोई पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं, जिससे निवेशकों का भरोसा फिर मजबूत हुआ है।
शेयर का ताजा प्रदर्शन और टारगेट प्राइस
अभी भी, Adani Green Energy Share अपने जनवरी 2023 के उच्चतम स्तर से लगभग 63% नीचे ट्रेड कर रहा है। ब्रोकरेज हाउस Jefferies का अनुमान है कि आने वाले समय में यह शेयर 33% तक चढ़ सकता है, और इसने 1300 रुपये का टारगेट प्राइस दिया है। यानी अभी के स्तर से काफी संभावित तेजी दिख रही है।
हालिया वित्तीय प्रदर्शन
2025-26 के पहली तिमाही (Q1FY26) में कंपनी का कुल रेवेन्यू ₹4,006 करोड़ रहा, जो पिछले साल की समान तिमाही से 29% ज्यादा है। इसी अवधि में कंपनी का शुद्ध लाभ (Net Profit) ₹824 करोड़ रहा—जो कि पिछले साल की समान तिमाही के मुकाबले 31% अधिक है। EBITDA (कमाई ब्याज, टैक्स, डिप्रिसिएशन के बाद) ₹3,231 करोड़ रहा, और EPS ₹4.30 रहा, जो तगड़ी ग्रोथ को दर्शाता है।
कंपनी की ऑपरेशनल ग्रोथ और फ्यूचर कैपेसिटी
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अभी के डेटा के हिसाब से, Adani Green Energy की कुल ऑपरेशनल रिन्यूएबल जनरेशन कैपेसिटी 16,078 मेगावाट (MW) हो गई है। कंपनी की योजना है कि 2030 तक इसकी क्षमता बढ़ाकर 50,000 मेगावाट तक ले जाई जाएगी। इसमें से 30,000 मेगावाट का प्लांट केवल गुजरात के खवड़ा क्षेत्र में विकसित किया जा रहा है, जो देश के सबसे अच्छे सोलर रीजन में से एक है।
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Adani Green Energy Share होल्डिंग पैटर्न
सितंबर 2025 तक, कंपनी में प्रमोटर्स की हिस्सेदारी लगभग 61.91% है। विदेशी निवेशकों (FII) की हिस्सेदारी 11.58%, घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) की करीब 2.86% और रिटेल निवेशकों की हिस्सेदारी करीब 23.64% है। कंपनी के ज्यादातर प्रोजेक्ट्स 25-वर्षीय पॉवर परचेज एग्रीमेंट (PPA) के तहत हैं, जिससे भविष्य में रेवन्यू की स्थिरता बनी रहती है।
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बैलेंसशीट और कर्ज की स्थिति
Adani Green Energy के बैलेंसशीट में भी सुधार दिख रहा है। हाल ही में प्रमोटर इनफ्यूजन के जरिये 9,350 करोड़ रुपये की पूंजी डाली गई है। नेट डेट-टू-इक्विटी अनुपात फिलहाल 6.9 है, जो 2030 तक घटकर 5.4 पर आ सकता है। नेट डेट-टू-EBITDA भी सुधार की संभावना में है
निष्कर्ष
Adani Green Energy ने हाल के महीनों में निवेशकों को तगड़ा रिटर्न देने के साथ-साथ अपना बिजनेस और कैपेसिटी भी तेजी से बढ़ाई है। सेबी की क्लीन चिट, मजबूती से बढ़ता मुनाफा, ऑपरेशनल कैपेसिटी और मजबूत प्रोजेक्ट पाइपलाइन इस शेयर के लिए एक सकारात्मक संकेत हैं। हालांकि, निवेश से पहले हमेशा अपने स्तर पर रिसर्च करें क्योंकि शेयर मार्केट में जोखिम बना ही रहता है।











