Vodafone-Idea के प्रमुख मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में हुई है, जिसमें कंपनी ने AGR (एडजस्टेड ग्रॉस रेवन्यू) बकाया की दोबारा कैलकुलेशन और राहत की मांग की है। सरकार का स्टैंड इस बार पहले से अलग है, क्योंकि सरकार ने कंपनी में करीब 49% हिस्सेदारी ले रखी है। कोर्ट ने अगली सुनवाई 6 अक्टूबर को तय की है, जिससे निवेशकों व कंपनी को थोड़ी राहत मिली है।
सुप्रीम कोर्ट में क्या हुआ?
Vodafone-Idea की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल फैसला ना देकर अगली सुनवाई 6 अक्टूबर को तय की है। सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट से अतिरिक्त समय मांगा ताकि सरकार व कंपनी के बीच समाधान की कोशिशें जारी रह सकें। इससे पहले सरकार ने भी यह संकेत दिए थे कि वह कंपनी को डूबने नहीं देना चाहती, और सरकार ने करीब 49% हिस्सेदारी ले ली है।
AGR बकाया विवाद क्या है?
AGR यानी Adjusted Gross Revenue कंपनी की आय का एक हिस्सा होता है, जिस पर टेलीकॉम कंपनियों को सरकार को शुल्क अदा करना होता है। Vodafone-Idea पर करीब ₹9450 करोड़ का अतिरिक्त AGR बकाया है, जिसे लेकर कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट में दोबारा कैलकुलेशन की मांग की है। सरकार भी अब इस विवाद को कोर्ट के विवेक के अनुसार सुलझाना चाहती है
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सरकार का स्टैंड और हिस्सेदारी
सरकार ने 2021 में कंपनी की लगभग ₹53,000 करोड़ की देनदारी को इक्विटी में बदला करके 49% हिस्सेदारी ले ली थी, लेकिन कंपनी के प्रमोटर्स नहीं माने जाते। इसका मतलब है सरकार सीधे नुकसान में हिस्सेदार है, और कंपनी को डूबने देना सरकार के हित में नहीं है
शेयर पर ताजा असर
26 सितंबर 2025 को खबर आने के बाद Vodafone-Idea के शेयर में बिकवाली देखने को मिली। NSE पर शेयर लगभग 8.12 रुपये तक पहुंच गया, जो पिछली क्लोजिंग से 6.46% नीचे है। कारोबार के दौरान शेयर ने 8.79 रुपये का उच्चतम और 7.90 रुपये का निम्नतम स्तर छुआ। फिलहाल कंपनी का मार्केट कैप करीब 88,299 करोड़ रुपये है। पिछले 6 महीनों में शेयर में 15% की तेजी आई थी, लेकिन हाल की खबरों के चलते दबाव बना है
कंपनी के हाल के वित्तीय परिणाम
वित्तीय रिपोर्ट के अनुसार:
- जून 2025 में कंपनी की आय रही: ₹11,022 करोड़
- शुद्ध घाटा: ₹6,608 करोड़
- EPS (प्रति शेयर आय): -₹0.63
कंपनी लगातार घाटे में है, और सकारात्मक खबरों या कोर्ट के फैसले का असर शेयर की दिशा पर सीधा पड़ता है।
निवेशकों के लिए क्या संकेत?
अभी तक सुप्रीम कोर्ट में समाधान की दिशा नहीं बनी है, लेकिन सरकार की हिस्सेदारी व कोर्ट में राहत की उम्मीद से कंपनी को थोड़ा समय मिला है। निवेशकों में अभी दबाव बना हुआ है, क्योंकि कंपनी की आर्थिक स्थिति और AGR विवाद साफ नहीं है। 6 अक्टूबर को होने वाली सुनवाई कंपनी और शेयर के लिए निर्णायक साबित हो सकती है।
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